Skip to content
Home » स्पर्म को महिलाओं का शरीर कैसे स्वीकार करता है ?

स्पर्म को महिलाओं का शरीर कैसे स्वीकार करता है ?

स्पर्म को महिलाओं का शरीर कैसे स्वीकार करता है ?

किसी भी औरत या फिर लड़की के लिए गर्भवती होना कोई आसान बात नही है। इसमे एक चीज में बहुत सी घटनाएं घटित हो जाती है। सीधी सी बात है कि कोई भी लड़की लड़के के स्पर्म या उसके शुक्राणुओं के बिना वो लड़की कभी भी गर्भवती नही हो सकती पहली बात तो ये क्लियर हुई। अब आगे जानते है , हालांकि यदि हम वर्तमान तकनीक की बात करें तो उससे पता चला है कि प्रेगनेंसी में सीधी भूमिका के अलावा भी जो स्पर्म होता है वो बहुत ही अहम काम करता है। ये तकनीक ऑस्ट्रेलिया देश के डॉक्टरों ने की है।

बायोलॉजी के एक चैप्टर की बात कर लेते है इस फेक्चर के मुताबिक जो स्पर्म होता है वही लड़की को गर्भवती होने की तैयार करता है या फिर हम कह सकते है कि वो इस बात के लिए उकसाता है। अब ये कार्य क्या करता है देखिए जब स्पर्म लड़की को तैयार करता है तो ये लड़की के प्रजनन ऊतकों को ये संकेत देता है , जिससे क्या होता है लड़की की प्रेग्नेंसी की जो संभावना बढ़ जाती है। यह पहली स्टडी है जो हमे बताती है कि लड़कियों का जो इम्यून रिस्पांस स्पर्म से मिलने पर सिग्नल काम करता है , साथ ही एक एग को फर्टिलाइज करने को अनुमति देता है जिससे वह प्रेग्नेंट होने के लिए तैयार हो जाती है।

प्रोफेसर मनदीप सर ने हमे बताया कि स्पर्म को लेकर ये स्टडी हमारी वर्तमान समझ के एक उलट जैसा है , जैसा कि हम सब इसकी क्षमता को समझते आए थे । आपको जानकारी के लिए बता दु इसमे जेनेटिक मेटेरियल ही नही होता बल्कि ये लड़की के शरीर को समझाने का काम भी करता है उसको समझाता है कि उसे इस हालत में क्या करना चाहिए साथ ही क्या नही करना चाहिए। ये लड़की के शरीर मे प्रजनन क्षमता का निवेश भी करता है।

स्पर्म में बहुत ही ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। एक स्पर्म की बूंद हमारे पूरे विश्व को बसाने का लिए काफी होता है स्पर्म में इतनी ताकत होती है कि ऐसी ताकत किसी अन्य वस्तु में नही होती है। स्पर्म में पाया जाने वाला प्रोटीन प्रेग्नेंसी के टाइम लड़की की इम्युनिटी क्रिया को नियंत्रित करता है अब बात आती है कि करता क्यो है तो देखो ताकि उस लड़की का शरीर बाहरी भ्रूण को स्वीकार कर सके। ये क्षमता उसके अंदर उतपन्न करता है। आपने देखा होगा लड़की अपने आप ही अपने बच्चो को प्यार करने लगती है उन्हें ज्यादा चाहने लगती है अपने Hubby को ज्यादा पास रखती है वो इसी प्रोटीन प्रेग्नेंसी के कारण ही होता है।

वैज्ञानिकों ने सबसे पहले इस जीन को समझने के लिए एक चूहे के यूट्रस के ऊपर प्रयोग किया । इसके बाद उन्होंने उस चूहे के पूरी तरह नसबंदी वाले स्पर्म का यूट्रस के अंदर पूरा मिलान किया ।

अब बात आती है नसबंदी की तो देखिए नसबंदी वाले लड़को के स्पर्म से लड़कियों को बहुत मजबूत टॉलरेंस मिलता रहता है। वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग में पाया कि लड़कियों की कोशिकाओं के अंदर स्पर्म का सीधा असर पड़ता है।

आप जानते है स्पर्म के सेहत का भी प्रेगनेंसी पर असर होता है। ये प्रेगनेंसी के लिए ही आवश्यक नही है पेट मे पल रहे बच्चे की सेहत के लिए आवश्यक होता है।

Read More 

भारत के किस स्थान पर अंडा देने वाला पत्थर है ?

Join the Conversation!

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Quiz
Law
Books
Jobs
error: Content is protected !!