लड़की को स्पर्श करने या बात करने पर कितना है गम्भीर अपराध !
आज हम लड़कियों से बात करने या फिर उन्हें स्पर्श करने से सम्बंधित से अपराध की बात करेंगे कि किस धारा के अंतर्गत कौन सा अपराध आता है। लड़की की लज्जा भंग करने या उन्हें स्पर्श करने के अंतर्गत धारा 354 एवं 509 के अंतर्गत एक गम्भीर अपराध माना गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे इन धाराओं के अंतर्गत कोई सीमा निर्धारित नही की गई है। यदि आप किसी भी उम्र की महिला के साथ कोई हरकत करते है या उन्हें स्पर्श करते है या फिर उन्हें कोई गाली देते है तो वो एक गम्भीर अपराध माना जाएगा। लेकिन यदि ये अपराध किसी अनुसूचित जाति की लड़की के साथ करे तो यह अपराध जो है वो अजमानतीय हो जाता है कहने का अभिप्राय है कि यदि आप किसी SC ST महिला के साथ ऐसा कार्य करते है तो न्यायाधीश आपको जमानत नही दे सकता क्योंकि यह अपराध अजमानतीय में आ जाता है। अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 31 (1) ब की परिभाषा है , अगर कोई भी व्यकित अनुसूचित जाति का सदस्य नही है , यदि वह अनुसूचित जाति की लड़की या महिला के साथ घिनोना काम करेगा या उसकी बिना सहमति के उसके लैंगिक अंगों को स्पर्श करेगा तो वो व्यक्ति धारा 31(1) ब के अनुसार एक क्रिमिनल दोषी माना जाएगा।
■ दंड का प्रावधान
यदि आप किसी अनुसूचित जाति जनजाति की महिला के साथ कोई गलत कार्य करते है या फिर आप उसकी बिना इच्छा के उसके लैंगिक अंगों को स्पर्श करते है तो ये अपराध अजमानतीय हो जाता है इसके अंतर्गत अधिकतम पाँच वर्ष की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है।
■ सहायता राशि :
जब अनुसूचित जाति की किसी भी महिला एवं लड़की के साथ ऐसा होता है तो उसे अत्याचार निवारण 1995 नियम 12(4) के अंतर्गत दो लाख रूपये तक कि राशि प्रदान की जाती है।
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