कृषि विज्ञान की वह शाखा , जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के भोजन , प्रजनन इत्यादि का अध्य्यन किया जाता है।
● भारत मे पशुपालन कृषि का आवश्यक अंग है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। अन्य देशों की तुलना में भारत में सर्वाधिक पशु पाए जाते है।
● यहां विश्व की कुल जनसंख्या का 25 प्रतिशत तक निवास करती है।
● देश मे गौ पशुओं की 27 से अधिक नस्ले एवं भैसों कि 7 नस्ले पाई जाती है।
● देश की कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 15% के गाय एवं भैस होती है।
● दूध उत्पादन की दृष्टि से भारत आज विश्व के अंदर पहले स्थान पर आता है। लेकिन फिर भी उत्पादन की दृष्टि से उधोग के आधुनिकरण की आवश्यकता है।
■ भारत मे पशुपालन से सम्बंधित महत्वपूर्ण योजना : :
1. पशुधन बीमा योजना
2. मूलग्राम योजना
3. गोशाला विकास योजना
4. सघन पशु विकास योजना
5. मिल्ट्री डेयरी फार्म
6. दूध बस्ती योजना
7. ऑपरेशन फ्लड योजना
8. बछड़ा पालन योजना
9. गोसदन योजना
10. चारा विकास योजना
11. इंडो स्विस योजना
■ गाय एवं भैस : :
विभिन्न प्रकार के पशु उत्पादो को प्राप्त करने के लिए विभिन्न पशुओं को पाला जाना पशुपालन कहलाता है।
> गाय एवं भैस भारत के महत्वपूर्ण पशु संसाधन है। कृषि के अक्सर इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
> मवेशियों की अच्छी प्रकार की नस्ले भारत मे कम जैसे राजस्थान , हरियाणा , पंजब , तमिलनाडु , कर्नाटक , महाराष्ट्र , गुजरात और आंध्रप्रदेश में पाई जाती है। इन राज्यो के अंदर देश के लगभग 25 प्रतिशत मवेशी पाए जाते है।
> दूध उत्पादन के दृष्टिकोण से भारतीय गाय अपेक्षाकृत निम्न कोटि के पशु है। भारत मे दूध की अधिक मात्रा भैसों से प्राप्त की जाती है। कुल दूध उत्पादन का 63 प्रतिशत भैस से किया जाता है।
> गाय से 8.8 महिने के लिए दूध का उत्पादन होता है , जबकि भैसों से 9.9 महीने तक होता है। भैसों से प्रतिदिन अधिक मात्रा में होता है।
> भारत मे बकरियों की 20 नस्ले पाई जाती है । इनका पालन दूध , मास , ऊँन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
> भारत मे केवल कर्नाटक एक ऐसा राज्य है , जहाँ बकरियों की संख्या नगण्य हैं।
■ भेड़ की उन्नत नस्लें :
● हिमालय क्षेत्र-गद्दी (जम्मू), भखरवाड (पीर पंजाल क्षेत्र), गुरेज (कश्मीर), रामपुर बुशायर (शिमला बिलासपुर, सोलन)।
● उत्तर-पश्चिम क्षेत्र-हिसार (कुल्लू के तराई भाग), चोकला (राजस्थान), मागरा (बीकानेर, चुरु एवं नागौर), नाली (गंगानगर), मारवाड़ी (जोधपुर), सोनाड़ी (उदयपुर), काठियावाड़ी। • दक्षिण क्षेत्र नेल्लौर (आंध्र प्रदेश), माण्ड्या
● (बंगलौर), मद्रास रेड । • पूर्वी क्षेत्र- छोटानागपुरी, गंजम (फुलबानी तथा पूरी )
■ कुछ विदेशी नस्लें :
● महीन ऊन वाले नस्ल-मेरिनो एवं रैमबुले।
● मध्यम ऊन वाले नस्ल कोरिडेल, शेविएट,
● साउथ, डाउन, हैम्पशायर |
● लम्बे ऊन वाले नस्ल-लीसेस्टर, लिंकन, रोमन मार्श
■ सुअर की उन्नत नस्लें :
● लार्ज ह्वाइट यॉर्कशायर-अंग्रेजी बेकॉन नस्ल । बर्क शायर-मध्य दक्षिण इंग्लैण्ड ।
● लैण्डरेश-डेनमार्क। • ड्यूरॉक-उत्तर-पूर्वी यूनाइटेड स्टेट्स।
● चेस्टर ह्वाइट-रूनाइटेड स्टेट्स ।