बुद्धि होती क्या है ?
इतिहास की मुट्ठी भर तिथियां याद रखना या विज्ञान व गणित के चंद सूत्रों को सुलझाना ही ट्रीव बुद्धि का मापक नही है। परंतु हर प्रकार की समस्याओं का तत्काल हल निकालना तेज बुद्धि का ही कार्य है। इसलिए आज अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं के अंदर बुद्धि परीक्षा अनिवार्य कर दी गई है। इसमें पहले ही हम परीक्षा संबंधी विषयों की गहराइयों को छूते हुए हमें यह अवश्य जानना चाहिए कि हम बुद्धि किसे कहते हैं।
क्या बुद्धि ज्ञान शब्द का ही पर्यायवाची है ? परंतु ज्ञान की परिभाषा को पढ़ने से लगता है कि बुद्धि की तुलना में ज्ञान सीमित है । ज्ञान की परिभाषा प्राय यह दी जाती है कि जो भी हम अपनी ज्ञानेंद्रियों के अनुभवों द्वारा सीख चुके हैं वह ज्ञान होता है । चाहे हमने स्पर्श से समझा हो या पढ़ कर या फिर देख कर या सुनकर।
ज्ञान को नए अनुभव द्वारा या ज्ञानेंद्रियों द्वारा बढ़ाया जा सकता है। लेकिन बुद्धि ने तो घटाई जा सकती हैं नहीं बढ़ाई जा सकती है । अतः बुद्धि व्यक्ति की वह सूझबूझ कॉमनसेंस है जो समय पर शीघ्र से शीघ्र किसी समस्या के हल के लिए प्रयोग की जा सकती है। मौलिक विभिन्नताओं के बावजूद हम यह कह सकते हैं कि बुद्धि तथा ज्ञान परस्पर संबंधित है । ज्ञान को किसी विषय वस्तु का अध्ययन करके बढ़ाया जा सकता है परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को उस विषय वस्तु का अध्ययन करके समझाया याद किया जा सकता है।
इस प्रकार अधिक से अधिक अध्ययन का परिणाम होता है — किसी विषय वस्तु के ज्ञान में व्रद्धि।
■ बुद्धि कैसे मापी जाती है।
बुद्धि मापक ( IQ ) :- आज मनोवैज्ञानिको ने बुद्धि मापने का तरीका भी निकाला हुआ है। जिसमे व्यक्ति की मानसिक आयु को वास्तविक आयु से भाग देकर 100 से गुणा किया जाता है।
IQ = मानसिक आयु // वास्तविक आयु × 100
मानसिक आयु को निर्धारित करने के लिए व्यकित के विभिन्न प्रकार के TEST लिए जाते है। जिससे उसकी बुद्धि का पता लगाया जा सके।