पानी की भाप में आग क्यों नही लगती ?
लोकेश गुप्ता ने आज हमारे अध्यापक से प्रश्न किया कि सर पानी की भाप में आग क्यों नही लगती है। आज हम इसी बारे में बात करेंगे कि भाप में आग क्यों नही लगती है। जब पानी को गर्म किया जाता है तो वो गैसीय अवस्था मे पहुँच जाता है , जिसको देशी भाषा मे भाप कहते है। इस भाप के अंदर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनो उपलब्ध होते हैं । आप सबको भी पता होगा कि जो हाइड्रोजन होती है वो तुरंत आग पकड़ती है। लेकिन जब इस भाप में आग लेके जाती है तो हाइड्रोजन जलती नही है ऐसा होता क्यों है।
■ पानी बनता कैसे है ?
आप सबको पता होगा पानी का फॉर्मूला H 2O होता हैं। साथ मे पानी के अंदर ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन का जो अनुपात होता है वो 2:1 होता है। लेकिन इस फॉर्मूले से आज तक कोई भी वैज्ञानिक पानी नही बना पाए हैं। पानी को आज भी नेचुरल सोर्स से ही प्राप्त किया जा रहा है। आप पूछ भी सकते है कि H20 से पानी क्यों नही बनाया जा सकता है। जब आप इस सवाल का जवाब ढूढेंगे तो आपको इस सवाल का भी जवाब मिल जाएगा कि भाप में आग क्यों नही लगती है।
बड़े बड़े वैज्ञानिको ने स्प्ष्ट रूप से कहा है कि पानी के अंदर हाइड्रोजन अपने मूल स्वरूप में नही होती हैं। बल्कि ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके केवल उसमे अवशेष रह जाते है। इसको समझाने का प्रयास करू तो आप सीधी भाषा मे जान सकते है देखो राख़ के अंदर कभी भी आग नही लगती है। इसी कारण हम आग को बुझाने के लिए पानी का ही प्रयोग किया जाता है। अब यदि हम पानी को उबाल ले तो उसमे एक प्रकार की भाप उतपन्न होगी। उसमे भी हाइड्रोजन एवं जो ऑक्सीजन है वो अपने मूल स्वरूप में उपलब्ध नही होंगे बल्कि उसमे उनके अवशेष ही होंगे ये आपकी जानकारी के लिए है। ये बात आपको भी पता है कि जब एक वस्तु एक बार जल चुकी है वो दोबारा नही जल सकती हैं।
यदि हम नही समझ पा रहे है तो हम इसे अपनी रोज की दैनिक क्रिया से भी समझ सकते है। अब देखिए जब आप गुड़ और उसके साथ घी का सेवन करते है तो उसकी तासीर ही बदल जाती है। हम सीधी भाषा मे कह सकते है कि उसमे में एक नया गुण पैदा होगा , मतलब उसमे पहले जैसा कुछ नही रहेगा। इसी प्रकार यदि हम पानी का उदाहरण ले तो उसमे हाइड्रोजन के 2 परमाणु एवं ऑक्सीजन के 1 परमाणु उपलब्ध होते हैं। आपको पता भी होगा कि ये एक निश्चित अनुपात में ही होते है। इसके बाद इस मिक्सर का नया गुण होता है एवं योगिक जल बन जाता है। इसमे जो हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के स्वतंत्रता के जो गुण होते है वो समाप्त हो जाते है। इसलिए पानी की भाप में कभी भी आग नही लगती है।
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