नाव के तलहटी के अंदर जामुन के पेड़ की लकड़ी क्यों लगाई जाती है ?
आज हम बात करेंगे कि नाव की तलहटी के अंदर जामुन की ही लकड़ी क्यो लगाई जाती है। आप सभी तो ये बात जानते ही होंगे कि भारत के कुछ जगहों पर नाव का इस्तेमाल किया जाता है। नाव में बैठने का आनंद तो अलग ही होता है। नाव में आप एक किनारे से दूसरे किनारे पर जाते है कुछ जगहों पर जाने के लिए रास्ता नही होता तो नाव ने पार किया जाता है। अभी बाढ़ के समय मे तो नाव का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया गया था। जामुन की जो घुटली होती है उसका इस्तेमाल हम पेट के सभी रोगों के लिए करते है। लेकिन नाव में ये लकड़ी क्यो लगाई जाती है। जामुन की लकड़ी के मंजन करने से दाँत सुंदर , मजबूत , एवं कीटाणुरहित बनते है। एक बात ये की जामुन की जो लकड़ी होती है ये बहुत ही कमजोर होती है इसकी मोटी मोटी लकड़ियों को हाथ से तोड़ा जा सकता है।
■ नदी का पानी पीने की सलाह क्यो दी जाती है ?
100 में 20 प्रतिशत लोग ही जामुन की लकड़ी एवं इसके गुणों के बारे में जानते है। जामुन की लकड़ी कभी भी पानी से खराब नही होती ये इसका सबसे बड़ा गुण है आप मन मोह लेता है। यदि आप जामुन की लकड़ी को 100 सालों तक भी पानी मे रखे तो ये खराब नही होगी। अब बात आती है पानी की तो देखिए यदि आप वक जामुन की लकड़ी को पानी मे डाल दे तो वो पानी बिल्कुल शुद्ध हो जाएगा। कई लोगो के पानी में कचरा हो जाता है यदि आप जामुन की लकड़ी को उसी पानी में डालकर रखे यो ये पानी मे कचरा नही होने देगी। आप सभी अपने पूर्वजों को बेवकूफ अनपढ़ समझते उन्होंने नदियों के पानी को साफ एवं नाव को मजबूत बनाने के लिए कितना आसान सा तरीका ढूंढा है जो आज भी कलयुग के समय चल रहा है।
■ जामुन की लकड़ी के गुण
अभी हाल ही के समय मे इसके गुणों के बारे में पता चला है बावड़ी में 720 साल पुरानी जामुन की लकड़ी मिली है जो बिल्कुक ऐसे ही ऐसे है वो पानी से बिल्कुल भी खराब नही हुई।
हमारे भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख श्री केएन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जामुन की लकड़ी के स्ट्रक्चर के ऊपर पूरी बावड़ी बनाई गई थी। जो शायद इसीलिए 700 साल बाद तक इस बावड़ी का पानी मीठा है और किसी भी प्रकार के कचरे और गंदगी के कारण बावड़ी के वाटर सोर्स बंद नहीं हुए है। जबकि 700 साल तक इसकी किसी ने सफाई नही की गई थी ।
■ जामुन का वैज्ञानिक नाम
जामुन के गुणों के बारे में तो पता चल ही गया अब हम जामुन का वैज्ञानिक नाम भी जान लेते है। जामुन का जो वैज्ञानिक नाम है वो Syzygium cumini (शायजियम क्युमिनि) है। जिसको सामान्यतः मालाबार प्लम, जावा पल्म ,ब्लैक प्लम आदि नामों से भी जाना जाता है। यह फैमिली Myrataceae (मायरेटेसी) का भी सदस्य है।
■ घर में इस लकड़ी के उपयोग कैसे करें
पानी के शुद्धिकरण के लिए जामुन की लकड़ी का उपयोग करे। दांतो को साफ एवं कीटाणुरहित करने के लिए इसकी मंजन करें । जहां जामुन की लकड़ी नदी के पानी को साफ एवं स्वच्छता से रखती है वही ये जामुन की लकड़ी हमारे खून को भी साफ रखती है।