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आखिरकार कोलकाता की पुलिस सफेद वर्दी क्यो पहनती है ?

Bhawana , Jaipur

आज हम पुलिस की वर्दी की बात करेंगे कि कोलकाता की जो पुलिस है वो सफेद वर्दी क्यो पहनती है।

पश्चिम बंगाल के अंदर दो तरह के पुलिस बल मौजूद है। इनको अलग अलग दिखाने के लिए कोलकाता पुलिस सफेद वर्दी पहनती है जबकि जो पश्चिम बंगाल की पुलिस है वो खाकी वर्दी पहनती है।

जानिए पूरी कहानी :

कोलकाता पुलिस बल भारतीय राज्य के पश्चिम बंगाल के दो पुलिस बलों में से एक है। कोलकाता पुलिस के पास कोलकाता के सिर्फ महानगरीय क्षेत्र को चमकाने का काम होता है।

कोलकाता में पुलिस की वर्तमान संरचना का जो इतिहास है वो औपनिवेशिक काल में वापस चला जाता है, जब इस शहर को “कलकत्ता” के रूप में जाना जाता था, और अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी की भागदौड़ रहती थी। कलकत्ता के शुरुआती दिनों में पुलिस मुगल प्रशासन और उनके स्थानीय प्रतिनिधियों तक ही सीमित थी। हालांकि बंगाल अभी भी तकनीकी रूप से मुगल साम्राज्य का एक हिस्सा था, लेकिन उत्तर बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित बंगाल के नवाब इसके प्रभावी शासक माने जाते थे।

अब आगे : 1720 में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने औपचारिक रूप से एक अधिकारी को नागरिक और आपराधिक प्रशासन का प्रभारी नियुक्त किया था । उन्हे सर्वाधिक “ब्लैक डिप्टी” या “ब्लैक ज़मींदार” के रूप में जाना जाने वाला एक भारतीय अधिकारी द्वारा सहायता प्रदान की जाती थी। उनके अधीन तीन नायब-दीवान रहते थे, जिनमें से एक पुलिस का प्रभारी होता था। बाद में बस्ती को “थानों” (पुलिस स्टेशन) में “थादर्स” के तहत विभाजित कर दिया गया।

1780 में शहर के लिए विकास के आयुक्त नियुक्त किए गए थे, जिनके पास घड़ी एवं वार्ड की देखभाल करने का काम रहता था । बाद में 1845 में एक समिति जे.एच. पैटन ने पुलिस के अंदर बहुत से बदलाव लाए । साथ ही पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति भी उसी समय की गई थी। 19 वीं शताब्दी के मध्य दशकों में कलकत्ता में पुलिस का अधिक व्यवस्थित और संस्थागत कार्य हुआ। हालांकि अब ये यह याद किया जा सकता है कि ब्रिटिश शासन के तहत कलकत्ता पुलिस का इतिहास औपनिवेशिक प्रशासन का एक प्रमुख अंग था। इसलिए ड्रेस कोड सहित सभी नियमों का पालन किया गया था। साथ ही वही नियम आज भी चले आ रहे है।

पश्चिम बंगाल की पुलिस भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का अन्य पुलिस बल है। ब्रिटिश राज के दौरान पश्चिम बंगाल की पुलिस को पुलिस अधिनियम 1861 के नियमो के तहत इसका दोबारा पुनर्गठन किया गया । इसकी अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक अधिकारी करता है, जो गृह विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को रिपोर्ट हर पल की खबर करता है।

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