हमें आखिर चुनावो की जरूरत क्यो है ?
कल्पना भारद्वाज , दिल्ली
लोकतंत्रात्मक प्रणाली में निश्चित किए गए नियमित अंतराल पर चुनाव होते हैं। यह चीज हम पिछली क्लासेस में भी पढ़ चुके हैं जैसा कि मैंने आपको लाइव क्लासेस में समझाया था। आप जानते हैं कि दुनिया के अंदर लगभग 100 देश हैं जहां जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए चुनाव होता है लेकिन हम ऐसे अनेक देशों के बारे में भी जानते हैं जो लोकतांत्रिक नहीं है लेकिन फिर भी वहां पर चुनाव होते हैं।
हमें चुनाव कराने की जरूरत क्यों पड़ती है बिना चुनाव वाले किसी लोकतंत्र की हम कल्पना करेंगे । बिना चुनावों के लोगों का शासन तभी संभव हो सकता है जब सारे लोग रोज साथ बैठकर मिलजुल कर फैसला करें लेकिन जैसा कि हम दूसरे भाग के अंदर पढ़ चुके हैं किसी भी बड़े देश के लिए ऐसा करना संभव नहीं है ना ही यह कभी संभव हो सकता है कि सभी नागरिक के पास हर मामले पर फैसला करने का समय और ज्ञान हो । इसलिए ज्यादातर लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन चलाते हैं ।
क्या चुनाव के बिना भी लोकतांत्रिक ढंग से जनप्रतिनिधि चुने जा सकते हैं। आप किसी ऐसी जगह की कल्पना करो जहां प्रतिनिधियों का चुनाव उम्र और अनुभव के आधार पर किया जाता है , या फिर ऐसे किसी जगह की कल्पना करो , जहां पर प्रतिनिधियों का चुनाव शिक्षा ज्ञान के आधार पर किया जाता है। किसके पास ज्यादा अनुभव या ज्यादा ज्ञान होगा । इसके निर्णय करने में थोड़ी परेशानी आ सकती है। लेकिन अगर यह मान लें कि लोग मिल जुलकर इन परेशानियों को दूर कर लेंगे तो फिर ऐसी जगहों पर चुनाव करने की जरूरत ही नहीं रहेगी।
लेकिन क्या फिर हम इस व्यवस्था को लोकतांत्रिक व्यवस्था कह सकते हैं ? हमें कैसे पता चलेगा कि जनता को अपना प्रतिनिधि पसंद है नहीं। हम यह व्यवस्था किस प्रकार करेंगे की प्रतिनिधि जनता की इच्छा के अनुसार ही शासन करें। हम यह व्यवस्था कैसे करेंगे कि जो प्रतिनिधि जनता को पसंद ना हो वह अपने पद पर बने रहे। इसके लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जनता नियमित अंतराल पर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सके , और अगर पसंद ना हो तो उन्हें बदल भी दे। इस व्यवस्था को चुनाव कहते हैं। इसलिए आजकल प्रतिनिधि लोकतंत्र में चुनाव को जरूरी समझा जाता है। कई तरह से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर लेते हैं जैसा कि हम 3 पॉइंट के अंदर आप सबको बताने वाले हैं।
■ वे अपने लिए कानून बनाने वाले प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं।
■ वे सरकार बनाने वाले और बड़े फैसले लेने वाले प्रतिनिधियों का चुनाव करते है।
■ वे सरकार और उसके द्वारा बनाए जाने वाले कानूनों का दिशा निर्देश करने वाली पार्टी का चुनाव भी करते है।
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