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छिपकली की पूंछ काटने के बाद वो दोबारा से कैसे उग जाती है ?

छिपकली की पूंछ काटने के बाद वो दोबारा से कैसे उग जाती है ?

वैसे तो छिपकली के बारे में सबको पता होगा। गर्मियों के मौसम में तो खासकर सबको याद आती होगी। कई लोगो को तो छिपकली के नाम स्व ही नफरत है। वो इस बारे में बात करना पसंद नही करते है। ऐसे जहरीले जीवो से काफी लोगो को नफरत सी रहती है। छिपकली तो सबने देख ली लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोग जानते है लेकिन आज हम इस बारे में सबको बताने वाले है।

■ छिपकली की पुंछ उगती कैसे है ?
आप मे से काफी लोगो ने देखा होगा जब आप छिपकली की पुंछ को काट देते है तो कुछ समय बाद वापस जुड़ जाती है। कई बार आपने ये भी देखा होगा कि जब छिपकली की पूंछ कट जाती है तो वो पुंछ जीवित रहकर फड़कती रहती है। अब सवाल है कि छिपकली की पूंछ वापस जुड़ कैसे जाती है। इसके दो कारण है ।

1) जब आपके शरीर मे कोई चोट लग जाती है वो अपने आप धीरे धीरे करके भरने लगता है। आज तक आपको नही पता तो आप अपनी दैनिक क्रियाकलापों के अंदर इस बात को समझ सकते है।

2) जब आप बीमार होते है या फिर कोई छोटा मोटा कोई घाव हो जाता है तो स्वयं जुड़ जाता है ।

ये सब ठीक किसके कारण होता है , देखो हमारे शरीर के अंदर का जो डॉक्टर है वो हमारे सभी रोगों को देखता रहता है फिर उन्हें ठीक करता रहता है। इसलिए सबको अपने अंदर के डॉक्टर को हमेशा मजबूत रखना है।

लेकिन यदि आपके शरीर का हिस्सा ही अलग हो जाए तो क्या होगा , क्या वो वापस जुड़ सकता है। यही बात छिपकली के साथ है जब छिपकली की पुंछ कट जाती है तो जुड़ कैसे जाती है।

■ कैसे जुड़ जाती है पुंछ
ये कोई अपने आप मे चमत्कार नही है कि छिपकली की पुंछ कट गई तो जुड़ेगी नही या फिर आप इस बात को कोई भगवान का चमत्कार मानते है। यही जब हमारा हाथ टूट जाता है तो स्वयं जुड़ जाता है हांलांकि हम जानते है कि थोड़ा समय अवश्य लगता है लेकिन वो जुड़ जाता है। यही छिपकली के साथ होता है। आपने बहुत से सीरियल में ऐसा होता हुआ देखा होगा । ये सब एक पुनः प्रवर्तन की प्रक्रिया (Revival Process) होती है, जिसको पुनरजीवन भी कहा जाता है! इस प्रक्रिया के अंदर जीवों के कटे हुए जो अंग होते है वो वापिस उग जाते हैं और ऐसा केवल छिपकली की पूंछ के साथ ही नहीं, बल्कि ऑक्टोपस, तारा मछली और फ्लैटवर्म जैसे जीवों के साथ भी होता है ये क्रिया सभी जीवों में होती है।

■ क्या होती है पुनरुद्भवन की प्रक्रिया
आप सबको को एक बात तो पता ही होगी जब आपके शरीर मे कोई चोट लगती है तो वहां से खून बहने लगता है लेकिन छिपकली में ऐसा नही होता है छिपकली के अंदर खून बहने की बजाए Blood Clot बन जाता है। फिर छिपकली की जो चोट है वो धीरे धीरे करके भरने लगती है। हमारी त्वचा में तो इंफेक्शन होने का भय रहता है लेकिन छिपकली की किसी भी कोशिकाओ के अंदर किसी भी प्रकार का कोई इंफेक्शन नही होता है।

अब देखिए छिपकली के अंदर ब्लड क्लॉट (Blood Clot) के नीचे एपिथेलियल कोशिकाएं (Epith Cells) घाव के चारों तरफ जमा हो जाती हैं जिससे उसका जो घाव जी वो धीरे धीरे ठीक हो जाता है और घाव वाली जगह पर एक उभार बन जाता है! और ये जो उभार बनता है ये पुनर जीवित कोशिकाओं (Regenerating Cells) के कारण बनता है। जो सक्रिय अविभेदित मीजेनकाईम कोशिकाएं (Mesenchyme Cells) होती हैं। इतना सबको क्लियर हो गया होगा।

■ क्या होती है जीवित कोशिका
वहीं अगर हम पुनर जीवित कोशिकाओं (Regenerating Cells) के बारे में बात करें तो ये जो Cells होती है वो धीरे-धीरे उसके कटे हुए अंग का निर्माण करने लगती है और इस पूरी प्रक्रिया के अंदर रिजनरेशन सेल्स (Regenerating Cells) से पूरा अंग बनने में लगभग 10 से 11 हफ्ते का समय लगता है। साथ मे इस तरह छिपकली की कटी हुयी या जो Damaged Tail होती है वो भी वापिस आ जाती है।

हालांकि मनुष्यों के अंदर ऐसा नही होता है इंसान के अंदर इतनी क्षमता नही है कि वो कटा हुआ अंग वापस ला सके। लेकिन कुछ हिस्से होते है जो वापस आ जाते है जैसे हमारे बल , लिवर , ह्रदय , नाखून ।

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