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केंचुली उतारने के बाद साँप की आँखें दूधिया क्यो हो जाती हैं।

साँप अपनी केंचुली क्यो उतारता है ?

आज की क्लास में हम साँप की प्रजाति एवं उसकी केंचुली उतारने के पीछे का कारण समझेंगे। दरअसल आप सबको पता होगा साँप कई तरह के होते है। कोई खतरनाक होते है तो कोई नही होते। आपने अपने बुजर्गो से सुना होगा कई साँप तो ऐसे भी होते है जो अपनी चीभ से सुन सकते है , कुछ तो बहुत ही तेज होते है। वो चीभ से इसलिए सुनते है जिससे उनको उनके आस पास के माहौल के बारे में पता लगाते है। यदि हम हिंदू धर्म की बात करे तो हमारे हिन्दू धर्म मे साँप को भोले का रूप माना जाता है। कहते है साँप को मारने से पाप लगता है। साथ मे यदि हम इसको अन्य धार्मिक नजरिए से देखे तो कई वर्षों से साँप जो है वो मनुष्यो का आकर्षण केंद्र बने हुए है। आज 40% साँप चीभ से सुनते है। बहुत से लोग तो केंचुली को घर के सामने टाकना शुभ मानते है।

■ मृत त्वचा को उतारना
आप मे से 90 प्रतिशत लोगो ने सांप को अपनी केंचुली उतारते हुए देखा होगा। अब देखो साँप केंचुली इसलिए उतारता है कि जो रीढ़धारी जीवो में उनकी जो ऊपरी परत होती है वो मृत होकर नई आती रहती है। तो साँप होते है वो रीढ़ धारी होते है तो उनकी जो ऊपरी त्वचा होते है वो मृत हो जाती है , फिर वो अपनी मृत त्वचा को उतार देते है जिसको हम अपनी भाषा मे केंचुकी उतारना कहते है। साँप स्वयँ नही उतारते है केंचुली जब उनकी पहली त्वचा मृत हो जाती है तो तुरंत ही नई त्वचा नया स्थान ले लेती है।

■ साँप को केंचुली उतारने की जरूरत क्यो है :
बुजर्गो एवं धार्मिक लोगो की माने तो कहते है कि केंचुली उतारने के बाद साँप की उम्र बढ़ जाती है बहुत कुछ बात सुनने को मिलती है। कुछ लोग कहते है कि साँप की केंचुली उतरने के बाद वो अमर हो जाता है अजय हो जाता है। वही हम विज्ञान की दृष्टि से देखे तो साँप की जो त्वचा होती है वो जलरोधी आवरण वाली होती है। साथ मे उसकी प्रजाति के कारण उसकी त्वचा चिकनी एवं खुरदरी हो सकती है। हम अपनी त्वचा की बात करें जैसे हमारी त्वचा में जब कोई जलन या खराबी हो जाती है तो हम क्या करते है वही साँप की बात करे तो साँप को उसकी त्वचा की उसको केंचुली उतारने पर मजबूर करती है।

■ केंचुली के अनेक चमत्कारी फायदे :
पहली बात तो ये की केंचुली उतारने के बाद साँप के शरीर की सफाई हो जाती है वही विज्ञान की दृष्टि से बात करे तो वही उसकी त्वचा में हो रहे सक्रमण से भी उसको मुक्ति मिल जाती है।

जब साँप अपनी केंचुली उतारता है तो उसके एक हफ्ते तक उसका शरीर बिल्कुल नर्वस एवं सुस्त रहता है , साथ ही वो अपने किसी एकांत जगह पर चला जाता है। जब साँप अपनी केंचुली उतारता है तो उस समय उसमे लिम्फेटिक नामक एक द्रव्य के चलते उनकी जो आँखे है वो दूधिया हो जाती है , एवं उनकी आँखें अपारदर्शी हो जाती है। यदि उनके भोजन की बात करे तो इस अवस्था मे साँप भोजन भी ग्रहण नही करते।

■ कितनी बार उतारता है साँप अपनी केंचुली
जब साँप अपनी केंचुली उतारने के 24 घण्टे पहले उसकी आँखों के ऊपर जमा लिम्फेटिक द्रव्य अवशोषित हो जाता है एवं आंखे साफ होने की वजह से वह साफ तरीके से देख पाता है। आप सब भाइयों की जानकारी के लिए बता दे कि जो साँप अपने जीवनकाल में कितनी बार केंचुली उतरेगा इसका हम कोई अंदाजा नही लगा सकते ये बात उसके स्वयँ ओर निर्भर करती है। उदहारण के तौर पर जैसे सांप की उम्र , उसकी सेहत , उसका आवास , खान पान , आद्रता पर निभर करता है। हम साँप के कम से कम की बात करें तो साँप कम से कम 3 से 4 बार अपनी केंचुली उतारता है। लेकिन अजगर की बात करें तो वो मात्र एक बार ही अपनी केंचुली उतारता है।

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