Sunita Yadav , Jaipur Desk
आज हम ऊँट के बारे में कुछ तथ्य जानने का काम करेंगे जिसमे हम आपको ऊंट के बारे में सभी बातें बताएंगे जिससे आपके 10 से 12 प्रश्न एग्जाम के लिए भी बन जाएंगे तो चलिए बिना समय व्यर्थ करें हम जान लेते है कि ऊंटों को सांप क्यो खिलाये जाते है। ऊँट का जो नाम है वो एक अरबी भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ सुंदरता होता है। अरबी ऊँट के एक कूबड़ होता है वही हम बैक्ट्रियन ऊँट की बात करें तो दो कूबड़ होते है। इनका जो प्रयोग है आमतौर पर सामान ढोने एवं इनकी सवारी करने में लिया जाता है। ऊँट शब्द के प्रयोग की बात करे तो ऊँट शब्द का जो प्रयोग है ऊँट परिवार के ही छः ऊँट के लिए किया जाता है।
ऊँट को ज़िंदा साँप क्यो खिलाए जाते है :
ऊँट को रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है सर्वाधिक जो ऊँट है वो सूखे एवं रेगिस्तानी क्षेत्र में पाए जाते है। ऊँट रेगिस्तानी क्षेत्र में बिना पानी पिएं 10 से 15 दिन तक रह सकता है। वही हम इसके रफ्तार की बात करे तो ये रेगिस्तानी मिट्टी में 50 से 60 Km की रफ्तार से दौड़ सकता है।
ऊंटों में कभी कभी ऐसी बीमारी हो जाती है जिसका इलाज करना असंभव हो जाता है फिर लोगो ने इस बीमारी का देशी ईलाज खोजा जिससे इनको इस बीमारी से निजात पाने के लिए जिंदे साँप खिलाए जाते है। इस बीमारी में ऊँट का संपूर्ण शरीर जकड़न में आ जाता है जिससे ऊँट स्वयँ भी साँप खा जाते है और साँप निगलने के बाद बहुत बुरी तरह रोते भी है। साँप खाने के पश्चात ये बहुत दिनों तक बिना खाए पिए रह जाते है जब साँप का जहर खत्म हो जाता है तब इन्हें जबरदस्त भूख एवं प्यास लगती है जिससे ये 900 से 1000 लीटर तक पानी पी जाते है।
दुनिया मे कितनी है ऊँट की सँख्या :
आप सभी ने ऊँट को केवल जंगलों में रेगिस्तानी क्षेत्रो में ही देखा होगा । गिर वक्त बदलने के साथ साथ लोगो ने इस जानवर को स्वयं के फायदे के लिए अपनाना शुरू कर दिया । वही हम बात करे कि ऊँट किस श्रेणी में आते है तो ऊँट जो है वो भी एक जंगली जानवरों की ही श्रेणी में आते है। आज पूरी दुनिया मे 1 करोड़ 50 लाख से भी ज्यादा ऊँट मौजूद है। जो किसी न किसी इंसान के कब्जे में अपनी ज़िंदगी काट रहे है। ऊँट को पालने वाले लोग ज्यादातर रेगिस्तानी क्षेत्रो में ही रहते है। जैसे कि भारत मे रेगिस्तानी क्षेत्र हो गए आपका जोधपुर , बीकानेर आदि प्रमुख स्थान साथ में अरब के क्षेत्र हो गए ऐसे इलाको के लोग ही सर्वश्रेष्ठ ऊँट को पालते है।
ऊँट के मास का प्रयोग :
कई देशों में ऊंट के मास को बहुत महत्व दिया जाता है कुछ देशों में ऊँट को केवल खाने पीने के उद्देश्य से पाला जाता है । ऊँट के मास को खाने के बाद शरीर हो रही अनेको बीमारियां ठीक हो जाती है। इनके दूध में सभी प्रकार के विटामिन पाए जाते है। इनका दूध सभी पशुओं के दूध से बहुत महंगा होता है लेकिन ऊंट का दूध ज्यादा देर तक सही नही रह पाता है इनका जो दूध है वो कुछ देर बाद फट जाता है।
ऊँट के खून से बनेगी वैक्सीन :
ऊँट को रेगिस्तान का तमगा कहा जाता है। वही बीकानेर की एक रिसर्च ने दावा किया है कि यदि किसी इंसान को सांप काट ले तो ऊँट का दूध बहुत कामगार होता है। डॉक्टर का कहना है कि अन्य जीवों के अपेक्षा ऊँट के खून में सबसे ज्यादा महबूत एंटीबॉडी पाई जाती है। साँप के काटने पर मरीज को ज्यादा इंजेक्शन नही लगाने पड़ेंगे।
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