कुत्तों के पेट मे घी एवं शहद क्यों नही पचता है ? जल्दी पढ़ें !
कोई कुत्ता पालतू या फिर वो आवारा हो वो हमेशा नोवेजिटेरियन होता है। हड्डी , कुत्तों की सबसे पसंद की डिश यानी उनका खाना माना जाता है। यदि किसी कुत्ते को कोई हड्डी मिल जाए तो वो सब कुछ भूल जाता है और उस हड्डी के पीछे पड़ जाता है। सवाल ये है कि कुत्ता हड्डी तो खा सकता है लेकिन जब कुत्ता घी या फिर शहद खाता है तो उसे पचता क्यों नहीं। जबकि जो शहद होता है उसे तो छोटे बच्चें भी पचा लेते है।
■ कुत्ता हड्डी नही बल्कि प्रोटीन खाता है :
यदि आप अपने दिमाक पर थोड़ा सा ध्यान दे तो आपको याद आएगा कि आपने कुत्ते हड्डी उठाते एवं उसको चबाते हुए देखा होगा लेकिन असलियत में कुत्ता कभी भी हद्दी नही खाता बल्कि उसका रस एवं उसका प्रोटीन को चूस जाता है। देखिए जो हड्डी बचती है उसमें थोड़ी मात्रा के अंदर मास बच जाता है। उसी प्रोटीन को कुत्ता बड़े ही तेज दिमाक से प्रोटीन को चूस लेता है। साथ ही साथ आप देखेंगे कि जब कुत्ते को खुजली चलती है तो उसी हड्डी के साथ वो बहुत ही बेहतरीन क्रियाकलाप करता है। जैसे आप अपने दांतों को साफ करने के लिए कोई ब्रूस करते है। ऐसा करने से कुत्ते को एंडोर्फिन रोग से मुक्ति मिल जाती है। आपको मेरी बात जानकर हैरानी होगी कि जब कुत्ता किसी हड्डी के सबसे मजबूत हिस्से के साथ जब दांतो को रगड़ता है तो उसे अनमोल खुशी प्राप्त होती है।
■ कुत्तों को घी एवं शहद क्यों नही पचता :
कुत्ते के पेट के अंदर कच्चा मास पकाने की अनमोल शक्ति होती है। लेकिन दूसरी तरफ से देखे तो वसा एवं फेट का पाचन करने के लिए एंजाइम Lipase बहुत ही कम मात्रा में स्त्रावित होता है। इसी लिए जो कुत्ते होते है उनको घी हजम ही नही होता है। इसी लिए कुत्ते घी खाने से कतराते है। इसी प्रकार आपका शहद है फूलों से बनने के कारण शहद में कुछ ऐसे जीवाणु उपस्थित होते है जिनका सेवन करने के कारण कुत्तों के अंदर बोटूलिज्म नामक रोग हो जाता है। ये जो रोग होता है वो सामान्यतया क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नाम के जीवाणु से होता है। ज्यादा शहद के सेवन से कुत्ते जो है वो पैरालिसिस अटैक के शिकार हो जाते है। कभी कभी तो उनका मस्तिष्क भी काम करना बंद कर देता है। यानी हम अपनी बोलचाल की भाषा मे कह सकते है कि कुत्ते कोमा के अंदर चले जाते है।
Mock Test | Click Here |
Gk In Hindi | Click Here |